Saturday, November 29, 2014

NFLRC-GAMBHIRS and Herman van Olphen

NFLRC-GAMBHIRS and  Herman van Olphen


http://www.nflrc.org/login/scripts/material.php?id=872

Communicative Hindi for Beginners:Surendra Kumar Gambhir, Vijay Gambhir

Communicative Hindi for BeginnersCultural Appropriateness, Vocabulary, Grammatical Accuracy

Books by Pro.Gambhir



A proficiency oriented course in Hindi


http://books.google.co.in/books?id=pEbPtgAACAAJ&dq=inauthor:%22Surendra+K.+Gambhir%22&hl=en&sa=X&ei=O5Z6VKmIKpaiugTE-4KQDg&ved=0CCYQ6AEwAg

Spoken Hindi

http://books.google.co.in/books?id=0hadOwAACAAJ&dq=inauthor%3A%22Surendra%20K.%20Gambhir%22&source=gbs_similarbooks

his intermediate-level course emphasizes natural conversation interspersed with cultural information. Th text presupposes a knowledge of the devanagari alphabet and does not include translations. Pauses are provided in all drills for the learner to repeat material recorded by native speakers. Developed by Surendra K. Gambhir, University of Pennsylvania. 146-p. 


Spoken Hindi-UrduWith Emphasis on Intonation in Natural Conversation


Introduction





डॉ. सुरेंद्र गंभीर

डॉ. सुरेंद्र गंभीर हिंदी के समाज-भाषा वैज्ञानिक पक्ष के गंभीर अध्ययन और प्रामाणिक शोध के लिए ख्याति प्राप्त हैं। उन्होंने गयानात्रिनीडाडसूरीनाममॉरीशसफ़िजी और अमरीका के प्रवासी भारतीयों की भाषाओं से संबंधित भाषा-विकास और भाषा-ह्रास के पहलुओं पर अत्यंत विशिष्ट कार्य किया है।

कार्यक्षेत्र
दीर्घ समय से भारतीय भाषाओं के अध्ययन-अध्यापनभाषा-शिक्षण-प्रशिक्षण और भाषा-प्रवीणता-मूल्यांकन जैसे कार्यों से जुड़े रहे डॉ. गंभीर
 डॉ. सुरेंद्र गंभीर

डॉ. सुरेंद्र गंभीर हिंदी के समाज-भाषा वैज्ञानिक पक्ष के गंभीर अध्ययन और प्रामाणिक शोध के लिए ख्याति प्राप्त हैं। उन्होंने गयानात्रिनीडाडसूरीनाममॉरीशसफ़िजी और अमरीका के प्रवासी भारतीयों की भाषाओं से संबंधित भाषा-विकास और भाषा-ह्रास के पहलुओं पर अत्यंत विशिष्ट कार्य किया है। की छह पुस्तकें और सौ से भी अधिक शोध पत्र विश्व की प्रतिष्ठित पत्रिकाओं और विश्व कोशों में प्रकाशित हो चुके हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ़ पेन्सिल्वेनियाकारनेल यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ़ विसकांसिन में अध्ययन-अध्यापन के साथ-साथ डॉ. गंभीर अमरीकन इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडियन स्टडीज़ के भाषा-विभाग के दीर्घ काल तक अध्यक्ष रहे हैं। सेवानिवृत्त होने के उपरांत डॉ. गंभीर संप्रति अमरीका में युवा हिंदी संस्था के प्रमुख हैं।

सम्मान और पुरस्कार
अमरीका में अनेक भाषा कार्यक्रमों में अपनी भूमिका और भारतीय भाषाओं के अध्ययन व शोध में योगदान के लिए डॉ. गंभीर कई बार सम्मानित भी किए जा चुके हैं। २००७ में 'विश्व हिंदी सम्मेलनके न्यूयार्क अधिवेशन में२००८ में अमरीकन इंस्टीट्यूट की ट्रस्टी कौंसिल और २०११ में न्यूजर्सी असेंबली द्वारा भारतीय भाषाओं के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए सुरेंद्र गंभीर सम्मानित हुए हैं। भारतीय साहित्यदर्शन और धर्म परंपराओं के अध्ययन में भी उनकी गहरी रुचि है। डॉ. गंभीर को उनके कृतित्त्व के लिए उन्हें केन्द्रीय हिंदी संस्थान के पद्मभूषण डॉ. मोटूरि सत्यनारायण पुरस्कार से सम्मानित 
डॉ. सुरेंद्र गंभीर

डॉ. सुरेंद्र गंभीर हिंदी के समाज-भाषा वैज्ञानिक पक्ष के गंभीर अध्ययन और प्रामाणिक शोध के लिए ख्याति प्राप्त हैं। उन्होंने गयानात्रिनीडाडसूरीनाममॉरीशसफ़िजी और अमरीका के प्रवासी भारतीयों की भाषाओं से संबंधित भाषा-विकास और भाषा-ह्रास के पहलुओं पर अत्यंत विशिष्ट कार्य किया है।

कार्यक्षेत्र
दीर्घ समय से भारतीय भाषाओं के अध्ययन-अध्यापनभाषा-शिक्षण-प्रशिक्षण और भाषा-प्रवीणता-मूल्यांकन जैसे कार्यों से जुड़े रहे डॉ. गंभीर की छह पुस्तकें और सौ से भी अधिक शोध पत्र विश्व की प्रतिष्ठित पत्रिकाओं और विश्व कोशों में प्रकाशित हो चुके हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ़ पेन्सिल्वेनियाकारनेल यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ़ विसकांसिन में अध्ययन-अध्यापन के साथ-साथ डॉ. गंभीर अमरीकन इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडियन स्टडीज़ के भाषा-विभाग के दीर्घ काल तक अध्यक्ष रहे हैं। सेवानिवृत्त होने के उपरांत डॉ. गंभीर संप्रति अमरीका में युवा हिंदी संस्था के प्रमुख हैं।

सम्मान और पुरस्कार

अमरीका में अनेक भाषा कार्यक्रमों में अपनी भूमिका और भारतीय भाषाओं के अध्ययन व शोध में योगदान के लिए डॉ. गंभीर कई बार सम्मानित भी किए जा चुके हैं। २००७ में 'विश्व हिंदी सम्मेलनके न्यूयार्क अधिवेशन में२००८ में अमरीकन इंस्टीट्यूट की ट्रस्टी कौंसिल और २०११ में न्यूजर्सी असेंबली द्वारा भारतीय भाषाओं के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए सुरें किया गया है।
e-mail:surengambhir@gmail.com